DETAILED NOTES ON SHIV CHALISA LYRICS

Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

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अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।

तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन

बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

ॠनिया जो कोई check here हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

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